हरियाणा में रेवाड़ी जिले में रहने वाले विकास यादव नाम के इंजीनियर ने एक अलग तरह की ई-साइकिल को तैयार किया है. इस साइकिल की खास बात यह है कि ये पैडल और बैटरी दोनों तरीको से चलाया जा सकता है. इसमें कई तरह के अलग-अलग फीचर्स दिए गए हैं. विकास यादव ने बताया की इस साइकिल को तयार करने में लगभग 30 हजार रुपए की लागत आई है.इसके साथ उन्होंने बतया की सिंगल चार्ज से 50km तक की दुरी तय कर सकती है.साइकिल की रफ़्तार 30km प्रतिघंटा है.
विकास यादव ने बताया की साइकिल को सिंगल चार्ज से 50km तक की दुरी तय की जा सकती है, हालांकि यह राइडर यानी साइकिल चलाने वाले व्यक्ति पर डिपेंड करता है. इस बात पर उन्होंने बताया की अगर 60 किलो वजन वाला व्यक्ति इसे चलाएगा तो 50 किलोमीटर और अगर इससे ज्यादा वजन वाले व्यक्ति इस साइकिल को चलाएगा तो वो दुरी कुछ कम हो जाएगी.
6 साल ऑटो मोबाइल सेक्टर में भी कर चुके है नौकरी
विकास यादव इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद ऑटो मोबाइल सेक्टर में नौकरी करने लगे. एक्सपीरिएंस बढ़ा तो सैलरी पैकेज भी बढ़ गया, विकास यादव ने बताया की नोकरी मिलने के बाद भी हर वक्त उनके दिमाग में कुछ नया करने की बात चलती रही. 16 वर्ष प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करने के बाद उन्होंने डेढ़ साल पहले यह प्रोजेक्ट शुरू किया. उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स व्हीकल बनाने शुरू किए. शुरुआत में उन्होंने कार्गो, डिलीवरी व्हीकल जैसे कई छोटे स्टार्टअप पर काम किया.
साइकिल में दिए कुछ खास फीचर्स
विकास यादव ने बताया कि उन्होंने जो ई-साइकिल तेयार की है, वो अन्य साइकिलों से कुछ अलग है. ये साइकिल 30 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चल सकती है. इसमें एक कंट्रोलर दिया गया है, जिससे स्पीड सेट हो जाती है. जिसके बाद रेस देने की जरूरत ही नहीं पड़ती. इसके साथ एक पॉवर बेटरी भी लगाई गई है.बेटरी और कंट्रोलर दोनों चीजे वाटर प्रूफ है. साइकिल के हैंडल पर डिजीटल डिस्प्ले मीटर लगा है, जिसमें स्पीड, बैटरी की कैपेसिटी जैसी चीजें दिखाई गई है. इसके साथ ही रात के वक्त आगे लगी एलईडी लाइट चालू किया जा सकता है. साथ ही पीछे के साइड में ब्रैक लाइट भी दी गई है.
अलग तरह की खास साइकिल
विकास यादव द्वारा तैयार किए गए ई-व्हीकल कुछ खास तरह की है. इसके साथ ही ई-व्हीकल की डिमांड भी बढ़नी शुरू हुई और उनके द्वारा बनाए गए ई-व्हीकल झारखंड के धनबाद जिले तक गए. इसके बाद ही इस एक खास तरह की ई-साइकिल बनाने पर काम शुरू किया. साइकिल लगभग 11.5 किलो वजन के आस-पास बनकर तैयार हो गई है. इसमें लोहे के अलावा एल्यूमीनियम का प्रयोग भी किया गया है.
ढाई घंटे में फुल चार्ज होगी साइकिल
साइकिल में फिट की गई बैटरी लगभग ढाई घंटे में फुल चार्ज होगी| साइकिल के पीछे एक कैरियर लगाया गया है, जिस पर कोई सामान रखा जा सकता है या एक बच्चे को भी बेठा सकते है| विकास यादव ने बताया कि समय अनुसार इसी साइकिल में वह कुछ और फीचर्स देने पर काम कर रहे हैं|