हरियाणा में नशे के खिलाफ मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की पहल के पश्चात नशा मुक्त अभियान चलाया जा रहा है तथा इसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आए हैं। तो वहीं अब नए पुलिस DSP शत्रुजीत कपूर ने भी हरियाणा में नशे पर अंकुश लगाने को लेकर काफी सख्त एक्शन प्लान तैयार कर लिया है। इस कड़ी में पी.आई.टी. एन.डी.पी.एस.अधिनियम-1988 के अंतर्गत 9 तस्करों की कुल संपत्ति जब्त एवं कुर्क की जाएगी। इसके साथ ही साथ हरियाणा में सक्रिय 40 बड़े नशा तस्करों की भी पूरी कुंडली तैयार की जा रही है, ताकि इनकी भी आर्थिक रूप से तश्करो की कमर तोड़ी जा सके। वहीं पुलिस महानिदेशक बनने के तीन दिन के अंदर ही शत्रुजीत कपूर ने विभाग में 26 IPS अधिकारियों के तबादले कर दिए हैं। पुलिस मुख्यालय में भी कई नए अफसरों की नियुक्ति बहाल की गई है।
जैसे की आप जानते है पंजाब एवं राजस्थान की सीमा से सटे हरियाणा में इस समय अफीम, चूरापोस्त के अतिरिक्त सिंथैटिक ड्रग का चलन भी काफी अधिक बढ़ गया है। हरियाणा की भौगोलिक स्थिति के कारण भी नशे के ग्राफ में काफी ज्यादा उछाल आया है। नशे पर प्रतिबन्ध लगाने के मकसद से ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की पहल के बाद हरियाण एंटी नारकोटिकस ब्यूरो का गठन किया गया था तथा इसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आए थे। अब हरियाणा से नशे की बुराई को जड़ से खत्म करने के लिए ड्रग फ्री हरियाणा अभियान को तीव्र गति प्रदान करने और एक स्वस्थ जीवनशैली को प्रोत्साहित करने करने के लक्ष्य से प्रदेश सरकार द्वारा 1 सितंबर से 25 सितंबर तक नशे के खिलाफ बहुत बड़ा अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान का आगाज 1 सितंबर को मुख्यमंत्री करनाल से करेंगे तथा इसका समापन 25 सितंबर को यमुनानगर में होगा। इस नशा मुक्त अभियान के अंदर स्वास्थ्य, आबकारी एवं कराधान, विकास एवं पंचायत तथा उच्च शिक्षा विभागों का भी सहयोग लिया जाएगा। इस दौरान प्रत्येक जिले में भी साइकिल रैली निकाली जाएगी और कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा।
नशे के खिलाफ अंकुश लगाने के लिए उठाए गए हैं प्रभावी कदम
जैसा की आप जानते है कि दूध-दही के खानपान के लिए मशहूर हरियाणा में अब चूरापोस्त, चरस, अफीम, चिट्टा, स्मैक, आयोडैक्स से लेकर नशीले इंजेक्शन, दवाइयां और तमाम प्रकार के नशों में युवा वर्ग धंसता जा रहा है। साल 2022 में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा में साढ़े 4 लाख से अधिक लोग नशे की जकड़ में है। सबसे अधिक चिंताजनक स्थिति पंजाब और राजस्थान के साथ सटे सिरसा जिला में है। नशे का यह गोरखधंधा इतना ज्यादा फैल चुका है कि अब गांव-गांव में तस्कर पैदा हो गए हैं। लडक़ों के साथ-साथ लड़कियां भी नशे की गिरफ्त में आने के साथ नशा तस्करी में काफी अधिक लिप्त पाई जा रही हैं। हरियाणा के तकरीबन आधा दर्जन से अधिक जिलों में स्थिति काफी अधिक चिंताजनक है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी हरियाणा को नशा मुक्त करने के लिए कई प्रभावी कदम उठा चुके हैं। इस कड़ी में पंजाब से सटे डबवाली को पुलिस जिला बनाया गया है तो प्रदेश स्तर पर पंचकूला में हरियाणा नारकोटिक्स ब्यूरो का भी गठन करने के अतिरिक्त नशा प्रभावित इलाकों में भी नारकोट्क्सि सेल बनाए गए हैं। इसके अतिरिक्त प्रत्येक गांव, वार्ड, ब्लॉक स्तर पर मिशन टीमों का गठन भी किया गया है।