पेरिस:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि फ्रांस ‘मेक इन इंडिया’ और आत्मनिर्भर भारत में महत्वपूर्ण भागीदार हो चुकी हैं. दोनों देश साथ मिलकर रक्षा सामग्री तैयार करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. फिर चाहे पनडुब्बी हो या नौसैनिक विमान, दोनों देश केवल अपनी ही नहीं बल्कि अन्य मित्र देशों की जरूरत को भी पूरा करना चाहते हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को संयुक्त बयान में कहा कि भारत और फ्रांस रक्षा उपकरणों के सह-उत्पादन और सह-विकास में एक दुसरे का सहयोग करेंगे. इसके बाद तीसरे देशों को रक्षा सामग्री का निर्यात भी करेंगे. उन्होंने कहा कि दोनों देश अपनी रक्षा अंतरिक्ष एजेंसियों के बीच सहयोग बढ़ाना चाहेगे.
पीएम मोदी ने कहा कि हमारी अंतरिक्ष एजेंसियों के बीच नए समझौते हो चुके हैं. इसमें उपग्रह प्रक्षेपण सेवाएं, समुद्र, जमीन के तापमान और वातावरण की निगरानी के लिए तृष्णा उपग्रह शामिल हैं. असैन्य परमाणु सहयोग में छोटे, उन्नत मॉड्यूलर रिएक्टर पर भी मिलकर काम करेंगे. मोदी ने कहा कि भारत में हेलीकॉप्टर इंजन विकसित करने, स्पेयर पार्ट्स के उत्पादन, रखरखाव दन सुविधाएं स्थापित करने के लिए फ्रांसीसी कंपनियों के साथ समझौता हुआ है. वहीं इंडियन ऑयल और टोटल कंपनी के बीच एलएनजी आयात पर भी समझौता हुआ है.
दोनों देशों के बीच सामरिक साझेदारी काफी महत्वपूर्ण है: भारत फ्रांस से अपनी नेवी के लिए 26 राफेल एम विमान और स्कॉर्पीन श्रेणी की 3 पनडुब्बी खरीदेगा. इसकी भी संभावना है कि फिफ्थ जेनरेशन फाइटर प्लेन और हेलीकॉप्टर के लिए बातचीत हो सकती है. दोनों देशों के बीच सामरिक साझेदारी की 25वीं वर्षगांठ है.
फ़्रांस में मोदी को सर्वोच्च सम्मान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस के सर्वोच्च नागरिक और सैन्य सम्मान ‘ग्रैंड क्रॉस ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर’ से सम्मानित होने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बन गए हैं. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने उन्हें एलिसी पैलेस में इस सम्मान से नवाजा गया हैं. इससे पहले नेल्सन मंडेला, ब्रिटेन के महाराजा चार्ल्स, जर्मनी की पूर्व चांसलर एंजेला मर्केल, संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव बुतरस बुतरस-घाली को इससे नवाजा जा चुका है.