हरियाणा रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास कॉरपोरेशन के द्वारा तैयार की गई सर्वे रिपोर्ट पर रेल मंत्रालय पांच रेल विकास परियोजनाओं की जल्द ही फाइनल और अंतिम सर्वे रिपोर्ट तैयार करेगा। करनाल-यमुनानगर नई रेलवे लाइन और कैथल रेलवे एलिवेटेड का भी संयुक्त दौरा कर सर्वे रिपोर्ट को अंतिम तथा फाइनल रूप दिया जाएगा। रेल विकास परियोजना के माध्यम से पलवल, गुरुग्राम, नूहं, झज्जर और सोनीपत जिले को सीधे लाभ पहुंचेगा होंगे।
हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने कहा कि राज्य में और बेहतर रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए हरियाणा रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास कॉरपोरेशन के द्वारा तैयार की गई सर्वे रिपोर्ट पर केंद्रीय रेल मंत्रालय पांच रेल विकास परियोजनाओं की जल्द ही फाइनल सर्वे रिपोर्ट तैयार कर इसपर कार्य चालू कर सकता है।
प्रदेश के इन क्षेत्रों में विकसित होगा रेल नेटवर्क
मुख्य सचिव कल सोमवार को चंडीगढ़ में हरियाणा रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास कॉरपोरेशन बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। मुख्य सचिव ने कहा कि इंदिरा गांधी एयरपोर्ट दिल्ली से महाराजा अग्रसेन एयरपोर्ट हिसार के बीच रेल कनेक्टिविटी, तथा गढ़ी हरसरू-फर्रुखनगर डबल लाइन तथा नई डबल लाइन कनेक्टिविटी फर्रुखनगर से झज्जर और झज्जर-चरखी दादरी-लोहारू लाइन के समेत तीन रेल परियोजनाओं की फाइनल लोकेशन व् अंतिम सर्वे रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
नए रेल परियोजना से इन जिलों को मिलेगा अधिक लाभ
करनाल-यमुनानगर नई रेलवे लाइन और कैथल रेलवे एलिवेटेड का भी संयुक्त दौरा कर सर्वे रिपोर्ट को फाइनल रूप दिया जाएगा। मुख्य सचिव ने बताया कि हरियाणा आर्बिटल रेल कारिडोर परियोजना को PM गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान की सूची में शामिल किया गया है। परियोजना से पलवल, गुरुग्राम, नूहं, झज्जर और सोनीपत जिले ज्यादा लाभान्वित होंगे।
हरियाणा आर्बिटल रेल कारिडोर परियोजना की ख़ास बात
हरियाणा आर्बिटल रेल कारिडोर के मानेसर से पातली खंड के निर्माण को चालू वित वर्ष में पूरा करने का प्रयास है। हरियाणा आर्बिटल रेल कारिडोर परियोजना में 4.7 किलोमीटर टनल डबल कंटेनर के आवागमन और ऊंची इमारतों की जरूरतों को पूरा करने के लिए सुरंग बनाने व न्यू आस्ट्रियन टनलिंग मेथड के आधुनिक तकनीक से तेजी से कार्य किए जा रहे है। इसके अतिरिक्त कुरुक्षेत्र में पांच मानवयुक्त क्रासिंग खत्म करने के लिए कुरुक्षेत्र और नरवाना रेलवे लाइन पर 5.8 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड ट्रैक बनाने का 68 प्रतिशत का कार्य अभी तक पूरा कर लिया गया है।