नूंह हिंसा मामले में हाई कोर्ट के जस्टिस अरुण पल्ली पर आधारित डिवीजन बेंच ने इस मामले की सुनवाई से मना कर दिया है। अरुण पल्ली ने कहा है कि यह हाई कोर्ट द्वारा लिया गया संज्ञान है। इस मामले पर चीफ जस्टिस की बेंच ही सुनवाई कर सकती है। जस्टिस पल्ली ने कहा की हाई कोर्ट नियमो के मुताबिक जनहित याचिका पर केवल चीफ जस्टिस ही सुनवाई कर सकते है।
Nuh Violence Hearing: नूंह हिंसा मामले में हाई कोर्ट के जस्टिस अरुण पल्ली पर आधारित डिवीजन बेंच ने मामले की सुनवाई करने से साफ़ इन्कार कर दिया है।
जस्टिस अरुण पल्ली ने कहा कि यह हाई कोर्ट द्वारा लिया गया संज्ञान है। इस मामले पर चीफ जस्टिस की बेंच ही सुनवाई कर सकती है। जस्टिस पल्ली ने कहा की हाई कोर्ट नियमो के मुताबिक जनहित याचिका पर सिर्फ चीफ जस्टिस ही सुनवाई कर सकते है।
नूंह हिंसा की सुनवाई हुई स्थगित
इस मामले की सुनवाई अगले शुक्रवार तक स्थगित कर दी गई है। वहीं, इस मामले में सरकार ने कोर्ट को जवाब देने के लिए कुछ और समय मांगा है। हरियाणा सरकार ने कोर्ट में कहा कि वह नियमो के खिलाफ करवाई कर रही है। हरियाणा के एडिशनल एडवोकेट जनरल दीपक सब्रवाल ने अवैध निर्माण पर प्रशाशन द्वारा हो रही कार्रवाई के बारे में स्पष्ट रूप से जवाब दिया है।
उन्होंने कहा की गुरुग्राम, मेवात तथा नूंह में अवैध निर्माण गिराने पर कोई रोक नहीं है। नियमों के मुताबिक सरकार अभी भी अवैध निर्माण को गिराने की कार्रवाई जारी रखी हुई है।
जैसा कि आप जानते है कि बीते दिनों ही मामले की सुनवाई कर ही बेंच को बदल दिया गया था। जस्टिस अरुण पल्ली तथा जगमोहन बंसल की पीठ को मामले की सुनवाई करनी थी। वहीं, अब जस्टिस अरुण पल्ली पर आधारित डिवीजन बेंच ने इस मामले की सुनवाई करने से मना कर दिया है।