भारत की आजादी का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 1857 की क्रांति के असंख्य योद्धाओं और सेनानियों की याद में अंबाला कैंट में शहीद स्मारक बनाया जा रहा है| स्वतंत्रता लड़ाई में हजारों की संख्या में लोगों ने देश के लिए अपनी जान दे दी थी| वहीं, अब इन शहीदों की याद में अंबाला कैंट में करोड़ों की लागत से उन सेनानियों की और शहीदों की याद में शहीदी स्मारक बनाया जा रहा है| जो आने वाले समय में लोगों के लिए एक आकर्षण का बड़ा केंन्द्र साबित होगा|
इस शहीदी स्मारक का निर्माण अंबाला-दिल्ली नेशनल हाइवे के पास किया जा रहा है| अंबाला मे बन रहा यह शहीदी|स्मारक अपने आप में एक अलग ही आकर्षण का केंद्र साबित होगा| रिपोर्ट्स के अनुसार तकरीबन 300 करोड़ की लागत इस शहीदी स्मारक का निर्माण किया जाएगा| इस शहीदी स्मारक में पर्यटकों के लिए म्यूजियम गैलरी, लॉबी, ऑडियो विजुअल हॉल, शहीदी वॉल VIP एट्रेंस, 2 हजार लोगों के बैठने के लिए एक थियेटर, फूड कोर्ट, टॉयलेट ब्लॉक, एग्जीबिशन हॉल, फिल्टरेशन रूम, रिर्हसल रूम व अन्य सुविधाएं होंगी| वहीं, इसके साथ ही साथ करीब 150 फुट ऊंचा एक मेमोरियल टॉवर भी होगा| यहां आर्ट गैलरी,, हाई स्पीड लिफ्ट, वॉटर बॉडी आदि भी होगी| इस स्मारक में वाहन पार्किंग के लिए अंडर ग्राउंड डबल बेसमेंट पार्किंग सुविधा भी दी जाएगी| इसके अतिरिक्त यहां VVIP के आने-जाने के लिए हेलीपैड की सुविधा भी होगी|
9 महीने में होगा बन कर तैयार
हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने बताया कि यहां पर बहुत बढ़ा राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर का स्मारक बनाया जा रहा है| साल 1857 मे आजादी की पहली लड़ाई लड़ी गई थी| हमारे इतिहास की किताबों में अनेकों नए-नए शासक आए किन्तु इन शहीदों को उन्होंने कभी भी याद नहीं किया| इसी लिए उनकी याद में कुल 22 एकड़ ज़मीन में शहीदी स्मारक बनाया जा रहा है| जिसकी लागत तकरीबन 300 करोड़ से अधिक है| जिसके टेंडर भी पास हो चुके हैं| अनिल विज ने बताया कि इसको देखने के लिए सारी दुनिया से लोग आएंगे | अनिल विज ने कहा की वो कोशिश करेंगे कि इसका उद्धघाटन प्रधानमंत्री मोदी जी से करवाया जाए| गृह मंत्री अनिल विज ने बताया कि ये स्मारक तकरीबन 9 से 10 महीने में बनकर तैयार हो जायेगा|