हरियाणा के गुरुग्राम और नूंह जिले में हाल ही में हुई सांप्रदायिक हिंसा के वजह से शहर से अनौपचारिक श्रमिकों का बड़े पैमाने पर पलायन देखने को मिला है। इन श्रमिकों में कैब ड्राइवर, पार्किंग अटेंडेंट, कार्यालय के चपरासी तथा सुरक्षा कर्मचारी इत्यादि शामिल हैं। श्रमिकों के पलायन ने गुरुग्राम के सेवा क्षेत्र को काफी बुरी तरह प्रभावित किया है। हिंदू संगठनों की कथित धमकियों के पश्चात अधिकांश घरो में काम करने वाली नौकरानियां, रसोइया, घरेलू सहायक,कार साफ करने वाले, सब्जी-फल विक्रेता तथा यहां तक कि कैब ड्राइवर भी डर के मारे पलायन कर चुके है, जिसके पश्चात काफी प्रभाव दिखाई दे रहे हैं।
घरेलू कार्य करने वालों ने बढ़ाए अपने दाम
श्रमिकों का पलायन शहर के निवासियों पर काफी भारी पड़ रहा है क्योंकि नौकरानियाँ तथा अन्य घरेलू सहायक शहर छोड़कर अपने मूल स्थानों के लिए वापिस चले गए हैं। पुलिस प्रशासन का कहना है कि स्थिति सामान्य है तथा कोई पलायन नहीं हो रहा है, किन्तु ऐसा नहीं है। इसी बीच, पुराने गुरुग्राम में नौकरानियों ने दो घंटे के घरेलू काम के लिए अपनी वेतन राशि भी 3,000 रुपये से बढ़ाकर 7,000 रुपये तक कर दी है। इसके अतिरिक्त, 24 घंटे की नौकरानी सेवाओं की कीमतें दुगना हो गई हैं तथा अब न्यूनतम 30 हजार रुपये तक चार्ज किए जा रहे हैं।
मामले की संवेदनशीलता का हवाला देते हुए नाम न छापने की शर्त पर शहर स्थित एक मॉल के महाप्रबंधक ने कहा कि गुरुग्राम में हिंसा के पश्चात सेल्समैन, चपरासी तथा पार्किंग अटेंडेंट, सुरक्षा कर्मचारी ये सब रिपोर्ट नहीं कर रहे हैं। मॉल महाप्रबंधक ने बताया कि स्थिति अब गंभीर है। हम जनशक्ति सेवा के लिए दूसरी एजेंसी को दो गुना भुगतान कर रहे हैं। झड़पों के पश्चात निर्माण क्षेत्र को भारी निर्माण श्रमिकों की भारी कमी का सामना करना पड़ा है।