पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा 7 अगस्त को संपन्न करवाई गई C.E.T. ग्रुप परीक्षा को निरस्त करने की सुनवाई पर हरियाणा सरकार, कर्मचारी चयन आयोग और विजीलैंस ब्यूरो को नोटिस भेज कर उनसे जवाब माँगा गया है। पंजाब हाई कोर्ट ने यह नोटिस हरियाणा के झज्जर निवासी विकास राय और अन्य द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए जारी किया है।
इस याचिका में ये आरोप लगाया गया कि कर्मचारी चयन आयोग की इस परीक्षा में कुल 41 सवाल एक दिन पहले हुई परीक्षा में दोहराये किए गए थे। तकरीबन 22000 इस परीक्षा में ऐसे उम्मीदवार थे, जिन्होंने एक दिन पहले 6 अगस्त को ग्रुप 57 की परीक्षा भी दी थी तथा अगले दिन 7 अगस्त को उन्होंने ग्रुप 56 की परीक्षा भी दी थी। ऐसे में उनको सीधे तौर पर इसका लाभ अन्य उमीदवारो से ज्यादा होगा। याचिका में ग्रुप 56 की परीक्षा रद्द कर और 41 सवाल रिपीट होने के मामले की स्वतंत्र तथा निष्पक्ष जांच एजेंसी से मांग की गई है।
जांच याचिका के मुताबिक 7 अगस्त, 2023 को आयोजित परीक्षा में प्रश्न पत्र रिपीट करना एक व्यवस्थित धोखाधड़ी है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले की विजीलैंस से जांच करवाई जाए, ताकि यह पता लग सके कि एक साथ तैयार किए गए दो प्रश्न पत्रों में कुल 41 प्रश्न एक जैसे कैसे थे। उमीदवारो द्वारा इस याचिका में इस भर्ती प्रक्रिया को आगे बढाने पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है। याचिका में आरोप लगाया गया कि कर्मचारी चयन आयोग की यह कार्यप्रणाली अनुचित, गैर- पारदर्शी, अनियमित तथा अनुचित तरीके को दर्शाती है। इसका सीधा सीधा नुक्सान उन उम्मीदवारों को होगा जो सिर्फ 7 अगस्त की परीक्षा में बैठे थे। हाईकोर्ट के जस्टिस एच.एस. सेठी ने सभी पक्षों को सुनने के बाद सभी पक्षों को अगले 20 सितम्बर के लिए नोटिस ” जारी कर जवाब देने का आदेश दिया है। याद रहे कि हाईकोर्ट की डिवीजन बैंच इस परीक्षा के परिणाम घोषित करने पर पहले से ही रोक लगा चुकी है।