कैबिनेट मंत्री वी मुरलीधरन की घोषणा के बाद राज्यसभा में सत्ता पक्ष तथा विपक्ष के बीच एक तीखी नोकझोंक शुरू हो गई है।
विवादों से भरे दिल्ली सेवा विधेयक बिल अगले हफ्ते संसद में पेश किया जाएगा, केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन ने शुक्रवार को राज्यसभा को यह सूचित किया।

यह घटनाक्रम सत्ता पक्ष राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) तथा विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A ब्लॉक के बीच एक नाटकीय टकराव के लिए एक मंच को तैयार करता है, क्योंकि इनके 26 दलों में से एक, आम आदमी पार्टी (AAP) इस बिल के पारित होने के बाद सीधे तौर पर प्रभावित होगी। इस बिल का विरोध करते हुए विपक्ष ने बार-बार इस विधेयक को भारत के संघीय ढांचे पर एक ‘हमला’ बताया है।
सूत्रों से ऐसा पता चला है कि इस बात की घोषणा होते ही दोनों पक्षों के बीच तीखी नोकझोंक शुरू हो गई है।
दिल्ली सेवा बिल विधेयक
राष्ट्र की राजधानी क्षेत्र दिल्ली सर्कार संशोधन विधेयक, 2023, या, सेवा विधेयक, एक अध्यादेश को प्रतिस्थापित करने तथा देश की राजधानी में नौकरशाही सेवा पर केंद्र के नियंत्रण को बहाल करने का प्रयास करता है, जो एक शहर तथा केंद्र शासित प्रदेश दोनों ही है।